Sheikh Hasina Verdict: शेख हसीना को मौत की सजा, ढाका में हंगामा और भारत से प्रत्यर्पण की मांग — जानिए पूरा मामला
Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता-विरोधी अपराधों में मौत की सजा सुनाई। ढाका में माहौल तनावपूर्ण है और भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है।
- इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई।
- 2024 की हिंसा में हसीना को ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया।
- ढाका में सुरक्षा सख्त, हिंसा रोकने को पुलिस को गोली चलाने तक के आदेश।
- हसीना ने आरोपों को बताया राजनीतिक बदला, ICC में जाने की चुनौती दी।
- बांग्लादेश ने भारत से प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की।
Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा मोड़ आया है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्राइब्यूनल-1 ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जुलाई-अगस्त 2024 के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन मामलों में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने 400 पन्नों के फैसले में हसीना को हत्याओं की “मास्टरमाइंड” बताया और कहा कि उन्होंने दमन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
ढाका में कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला
फैसला हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्ज़मान खान कमाल की अनुपस्थिति में सुनाया गया क्योंकि दोनों को फरार घोषित किया गया है। ढाका में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हाल ही में 40 से ज्यादा आगजनी और बम विस्फोटों के बाद पुलिस को आदेश दिया गया है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत कार्रवाई की जाए।
फैसले पर हसीना का बयान: “मुझे परवाह नहीं”
फैसले से पहले शेख हसीना ने अपने समर्थकों को भेजे संदेश में कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा - “वो फैसला दे दें मुझे परवाह नहीं।” हसीना ने ट्रिब्यूनल पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में केस ले जाने की चुनौती भी दी। अभियोजक गाज़ी एमएच तमीम ने अदालत से हसीना को अधिकतम सजा देने के साथ-साथ उनकी संपत्ति जब्त करने की मांग की है ताकि पिछले साल के प्रदर्शनों में मारे गए और घायल लोगों के परिवारों को मदद दी जा सके।
भारत से प्रत्यर्पण की मांग
फैसले के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी देश द्वारा शेख हसीना और असदुज्जमान को शरण देना “न्याय का अपमान” माना जाएगा। बांग्लादेश ने भारत से औपचारिक रूप से इन दोनों को प्रत्यर्पित करने की मांग की है। फिलहाल भारत की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
अपील का अधिकार नहीं
बांग्लादेश के कानून के मुताबिक, कोई भी दोषी तभी अपील कर सकता है जब वह गिरफ्तार हो या अदालत में आत्मसमर्पण करे। क्योंकि शेख हसीना फिलहाल फरार हैं और भारत में रह रही हैं इसीलिए उन्हें फिलहाल कानूनी रूप से अपील का अधिकार नहीं है। इसी बीच आवामी लीग ने ऐलान किया कि पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने साफ कहा है कि उनका संघर्ष रुकने वाला नहीं है।
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