Haryana News: हरियाणा के मिड-डे मील में खुली गड़बड़ी! झूठे आंकड़ों से सामने आया शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार

Haryana News: हरियाणा के मिड-डे मील में खुली गड़बड़ी! झूठे आंकड़ों से सामने आया शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। स्कूलों पर गलत डेटा देने और राशन की फर्जी रिपोर्ट भेजने के आरोप लगे हैं। अब शिक्षा निदेशालय ने सख्त एक्शन के आदेश दिए हैं।

Haryana News: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील से जुड़ा एक बड़ा मामला खुलकर सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबित जो जानकारी सामने आई है उसमे बताया गया है की कई स्कूल न तो मिड-डे मील डेटा समय पर पोर्टल पर अपडेट कर रहे हैं और न ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के आदेशों का सही पालन कर रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि स्कूलों की तरफ से छात्रों की वास्तविक संख्या बताने के बजाय झूठी रिपोर्ट भेजी जा रही है कि राशन कम पड़ रहा है। इससे योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता दोनों पर सवाल उठे हैं।

हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने कसी लगाम

आपको बता दें की प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने स्थिति को देखते हुए कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। अब मिड-डे मील से जुड़ा डेटा केवल मासिक नहीं, बल्कि रोज़ाना MIS पोर्टल पर अपडेट करना होगा। निदेशक जनरल ने पाया कि कई स्कूल छात्रों की वास्तविक संख्या से ज्यादा राशन ऑर्डर कर रहे हैं और फिर भी कमी की रिपोर्ट भेज रहे हैं। इसे लेकर स्कूल प्रमुखों और मिड-डे मील प्रभारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

Haryana News Errors in Haryana's mid-day meal scandal exposed! False data exposes corruption in the education department
Haryana News: हरियाणा के मिड-डे मील में खुली गड़बड़ी! झूठे आंकड़ों से सामने आया शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार

बार-बार चेतावनी के बावजूद नहीं सुधर रहे स्कूल

निदेशालय अब तक जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को 20 से अधिक बार डेटा अपडेट करने के निर्देश भेज चुका है लेकिन अधिकांश स्कूलों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आदेश के मुताबिक, अधूरी या देर से भेजी गई रिपोर्ट अब स्वीकार नहीं की जाएगी। केंद्रीय सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (PM POSHAN) योजना के तहत हर महीने की 10 तारीख तक डेटा अपडेट करना जरूरी है पर हरियाणा के स्कूल अब तक अक्टूबर का डेटा नहीं दे पाए हैं।

इन जिलों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी

यह लापरवाही मुख्य रूप से फतेहाबाद, हिसार, नूह और सोनीपत जिलों में देखी जा रही है। इन जिलों में रिपोर्टिंग में गड़बड़ी ने योजना की पारदर्शिता पर गहरा असर डाला है। अगर डेटा समय पर नहीं दिया गया, तो योजना का लाभ सही तरीके से छात्रों तक नहीं पहुंच पाएगा। निदेशालय ने साफ चेतावनी दी है कि अब किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई तय है।

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