Bihar News: लालू यादव के परिवार में सियासी तूफान: किडनी दान करने वाली बेटी का छलका दर्द, परिवार ने नहीं दिया सम्मान
Bihar News। बिहार की राजनीति में एक बार फिर से लालू यादव के परिवार में सियासी तूफान मचा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने न केवल राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है बल्कि अपने परिवार और पार्टी से भी नाता तोड़ लिया है। यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की हार के एक दिन बाद आया है जिसने पार्टी और परिवार के अंदरूनी विवादों को एक बार फिर से सामने ला दिया है।
पिता को की थी किडनी दान
आपकी जानकारी के लिए बता दें की रोहिणी आचार्य एक डॉक्टर हैं और उन्होंने 2022 में अपने पिता लालू यादव को किडनी दान की थी। इस नेक काम के बावजूद उन्होंने आरोप लगाया है कि परिवार और पार्टी ने उनके साथ न्याय नहीं किया। सोशल मीडिया पर उनके भावुक पोस्ट्स और बयानों से साफ है कि वे लंबे समय से परिवार और पार्टी के अंदरूनी कलह से परेशान थीं। उन्होंने कहा - "मैंने अपने पिता के लिए सब कुछ किया लेकिन बदले में मुझे सिर्फ अपमान और उपेक्षा मिली।"
परिवार पर लगाए गंभीर आरोप
रोहिणी आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी यादव और पार्टी के करीबी संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि संजय यादव की वजह से पार्टी के अंदर फैसले लेने में दखलंदाजी होती है जिससे परिवार और पार्टी के बीच दरारें बढ़ी हैं। रोहिणी ने कहा, "जब मैंने संजय यादव का नाम लिया, तो मुझे अपने ही घर से बाहर कर दिया गया। मुझे अपमानित किया गया और मारपीट तक की गई।"
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आपकों बता दें की लालू यादव के परिवार में यह पहली बार नहीं है जब ऐसा विवाद सामने आया है। इससे पहले, लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। तेज प्रताप के सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट्स और उनके निजी जीवन से जुड़े विवादों ने परिवार और पार्टी के बीच तनाव को और बढ़ा दिया था। अब रोहिणी के फैसले से यह तनाव और गहरा गया है।
रोहिणी का भावुक बयान, "मैं अकेली हूं, परिवार नहीं"
रोहिणी आचार्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैंने अपने पिता से बात की, लेकिन उन्होंने मुझे परिवार से अलग कर दिया। मैं अकेली हूं, मेरा कोई परिवार नहीं है।" उनके इन शब्दों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने आगे कहा, "पूरी दुनिया पूछ रही है कि पार्टी के साथ ऐसा क्यों हुआ? अगर आप संजय यादव का नाम लेंगे, तो आपको अपने घर से बाहर कर दिया जाएगा।"
लालू यादव का रवैया, समाज से न्याय कैसे करेंगे?
रोहिणी के फैसले और उनके बयानों ने लालू यादव के रवैये पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कहा कि जो बाप अपनी बेटी का सम्मान नहीं कर सकता वह समाज से न्याय कैसे करेगा? लालू यादव की बेटी ने उनके लिए किडनी तक दान की लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ दुख और अपमान मिला। रोहिणी आचार्य का राजनीति से संन्यास और परिवार से नाता तोड़ने का फैसला बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। जहां एक तरफ पार्टी को चुनाव से पहले यह झटका लगा है, वहीं परिवार की एकता भी टूटती नजर आ रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।
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