हरियाणा के 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! नौकरी पक्की करने वाला पोर्टल अगले हफ्ते लॉन्च, पहले दो विभागों में ट्रायल
हरियाणा में अस्थाई कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, पोर्टल से जॉब सिक्योरिटी के नए अवसर खुलेंगे।
हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों के लिए एक नया डिजिटल पोर्टल तैयार किया है, जिससे 1.20 लाख कर्मचारियों को नौकरी सिक्योरिटी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
Haryana News: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें की हरियाणा में मौजूदा समय में लाखों की संख्या से ऐसे कर्मचारी मौजूद है जो अस्थाई रूप से काम कर रहे है और इनको लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की सरकार ने एक ऐसे पोर्टल को तैयार कर दिया है जिसके जरिये प्रदेश के करीब 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों को अपनी जॉब की सिक्योरिटी का रास्ता साफ़ होने वाला है।
आपको बता दें की अगले सप्ताह से सरकार की तरफ से इस पोर्टल को शुरू कर दिया जायेगा और शुरआत के दो हफ्ते तक इसका ट्रायल किया जायेगा और अगर साफ कुछ सही रहता है तो इसके बाद इसको प्रदेश के सभी विभागों में, बोर्डों में और निगमों में शुरू कर दिया जायेगा। आइये विस्तार से इस खबर को जानते है।
ऑनलाइन करना होगा पोर्टल पर आवेदन
सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आई है उसके अनुसार प्रदेश के मानव संसाधन विभाग की तरफ से इस पोर्टल को तैयार किया गया है और इसमें प्रदेश के सभी कर्मचारी ऑनलाइन ही आवेदन का कार्य पूरा कर सकते है। हालाँकि अभी तक ये साफ नहीं किया गया है की शुरुआत के 2 हफ्ते कौन कौन से विभागों में इसका ट्रायल का काम पूरा किया जायेगा लेकिन सरकार ने इसको लेकर कहा है की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी। आपको बता दें की इस मामले को लेकर प्रदेश के मुखिया नायब सिंह सैनी काफी गंभीर है और उन्होंने इसको लेकर 5 दिन पहले ही अपने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ में एक लम्बी मीटिंग भी की थी और आगे के दिशा निर्देश भी दिए थे।
खट्टर सरकार से चला आ रहा वादा सैनी सरकार करेगी पूरा
दरअसल ये जो ये सुविधा राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही है इसकी कहानी मनोहर लाल खट्टर सरकार के समय से चल रही है। उस वक्त से ही ज्यादातर डिपार्टमेंट में ग्रुप C और D की अस्थाई भर्तियां हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के जरिए हो रही हैं। पिछले साल सरकार ने घोषणा की थी कि HKRN के तहत जिन कर्मचारियों ने 5 साल की सर्विस पूरी कर ली है उन्हें जॉब सिक्योरिटी दी जाएगी।
आपको याद होगा की विधानसभा में इसके लिए बिल भी लाया गया लेकिन कई कारणों से वह लागू नहीं हो सका। बीजेपी की सरकार दोबारा आने के बाद भी ज्यादातर विभागों में अफसरों ने इसे टालते रहे। सिर्फ एक-दो विभाग को छोड़कर कहीं कुछ हुआ ही नहीं। नई सरकार के 6 महीने के अंदर ही विधानसभा ने फिर से बिल पास कर दिया। अध्यादेश को विधेयक का रूप दे दिया गया और राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे स्थाई कानून बना दिया गया। नोटिफिकेशन भी हो गया लेकिन अफसरों ने फिर भी सर्विस सिक्योरिटी देना शुरू नहीं किया।
करीब एक साल बाद सरकार ने एक्ट के तहत नियम नोटिफाई किए और उन सारी दिक्कतों को दूर कर दिया जो पहले आ रही थीं। सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि पुरानी आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के तहत लगे कर्मचारियों का जिक्र एक्ट में नहीं था। ज्यादातर अफसरों ने इसी बहाने हाथ खड़े कर दिए थे कि HKRN में पोर्ट नहीं हुए कर्मचारियों को कैसे सिक्योरिटी दी जाए।
अब पुरानी पॉलिसी वाले कर्मचारी भी कवर होंगे
अब नए पोर्टल के जरिए आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के तहत लगे सभी पुराने कर्मचारियों को भी सर्विस सिक्योरिटी मिल सकेगी। मतलब जो कर्मचारी सालों से डर में जी रहे थे कि कब नौकरी चली जाएगी, उनके लिए अब राहत की बड़ी खबर है। सरकारी सूत्र बता रहे हैं कि पोर्टल जैसे ही पूरी तरह चालू होगा, कर्मचारियों को मैसेज और नोटिफिकेशन के जरिए सूचना दी जाएगी। आवेदन प्रक्रिया भी बेहद आसान रखी गई है ताकि किसी को परेशानी न हो।
हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों के लिए यह किसी दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है। अब देखना यह है कि पोर्टल कब तक पूरी तरह ओपन होता है और 1.20 लाख कर्मचारियों की नौकरी वाकई पक्की हो पाती है या नहीं।
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